लॉकडाउन – एक सुरक्षा उपाय के रूप में अलग-थलग या प्रतिबंधित पहुंच की स्थिति
================================================================
हाय ये कैसी महामारी है आई,
अपने साथ ये कितने भूचाल है लाई।
मै तो आया था इस शहर अपनी छोटी सी एक दुनिया बसाने,
पर इस संकट ने जैसे है ठानी,
ना चलेंगे कोई सपने, ना सुनेंगे कोई बहाने।
काम की तलाश थी, भूक और प्यास थी,
जो ले आई थी मुझे इस देश,
अगर जरूरत ना होती मेरी एक मजबूरी,
तो आज होती मेरे सिर पे भी छत की छांव।
जनता कर्फ्यू में भाग हम भी लिए,
देश का साथ इस लड़ाई में हम भी दिए,
थोड़ा हमारे लिए भी सोच लेते सर,
आपकी ईमारतों में ईट, हम ही हैं दिए।
जो हुआ सो हुआ, अब हमे गांव तो जाने दो,
अपने बच्चो को तो आप फ्लाइट करा के बुला लिए,
हमे ये सफर पैदल ही तय करके जाने दो।
अपने गांव जाके हम उसी खाट पर सो जायेंगे,
कुछ समय के लिए वह सारी कठिनाई भूल जायेंगे,
एक सुकून होगा अपने घर होने का,
क्यूंकि कल फिर एक जंग है, कमाई का साधन धुंडने का।
हाय ये कैसी महामारी है आई,
अपने साथ ये कितने भूचाल है लाई।
================================================================
Click here to know more about the blog.
Click here to read more on the blog.